अलंकार की परिभाषा, भेद, उदहारण – Alankar Kise Kahate Hain

Alankar Kise Kahate Hain

अलंकार की परिभाषा, भेद, उदहारण - Alankar Kise Kahate Hain

Alankar Kise Kahate Hain : हेल्लो दोस्तों, आज हमने सभी छोटे छोटे बच्चो के लिए अलंकार किसे कहते हैं, बहुत ही आसान भाषा में समझाया है| हिंदी व्याकरण में कई सारे विषयो पर ज्ञान दिया जाता है, परन्तु बच्चे उन्हें कक्षा में समझ पाने में असफल हो जाते हैं, इसलिए आज हमने “अलंकार” पर आधारित एक सरल भाषा में आर्टिकल लिखा है| जिससे पढ़कर आपके परीक्षा में अवल आने की उम्मीदे बहुत ज्यादा बढ़जाने वाली है|

अलंकार की परिभाषा, भेद, उदहारण – Alankar Kise Kahate Hain

परिभाषा

अलंकार की निम्न आसान परिभाषाएं होती हैं:

  • अलंकार कविता का वह गहना या आभूषण है जिससे उसकी शोभा जाती है|
  • जो शब्द वाक्य में या जो वाक्य कविता में उसकी शोभा बढ़ाते हैं, उन्हें अलंकार कहा जाता है|

उदहारण – चंचल नेन के चंचल चक्षु

अलंकार के भेद एवं प्रकार

मुख्य रूप से अलंकार के तीन भेद होते हैं:

  • शब्दालंकार ​
  • अर्थलंकार
  • उभयालंकार

अलंकार के भेदो की परिभाषा

1. शब्दालंकार ​किसे कहते हैं? – Shabd Alankar Kise Kahate Hain

जो शब्द काव्य में इस्तेमाल होके उसमे चमत्कार लाते हैं, उन्हें शब्दालंकार ​कहा जाता है|

उदहारण – नयन तेरे कातिलाना

शब्दालंकार के तीन भेद होते हैं:
  • अनुप्रास अलंकार – जब किसी काव्य में एक ही वर्ण की आवृत्ति बार बार हो यानी एक बार दो बार अनेक बार, उन्हें अनुप्रास अलंकार कहते हैं|

उदहारण – चंचल नेन के चंचल चक्षु| – इसमें वर्ण का बार बार इस्तेमाल किया गया है|

  • यमक अलंकार – जब किसी काव्य में कोई शब्द बार बार इस्तेमाल होता है, परन्तु उसका हर बार अर्थ अलग अलग होता है, तो उसे यमक अलंकार कहते हैं|

उदहारण – काली घटा का घमंड घटा नभ मण्डल तारक वृद खिले| – इसमें घटा शब्द का बार बार इस्तेमाल किया गया है|

  • श्लेष अलंकार – जब काव्य में कोई शब्द इस्तेमाल किया जाए, और उस शब्द के एक से ज्यादा या दो या दो से अधिक अर्थ होते हैं, उन्हें श्लेष अलंकार कहते हैं|

उदहारण – मंगन को देखि पट देत बार-बार है| – इसमें पट के दो अर्थ है – वस्त्र, किवाड़

2. अर्थलंकार ​किसे कहते हैं? – Arth Alankar Kise Kahate Hain

काव्य में इस्तेमाल किये जाने शब्दों के अर्थ से जब चमत्कार पैदा हो, उसे अर्थलंकार कहा जाता है|

उदहारण – वीरो के वीर महाराणा प्रताप!

अर्थलंकार के तीन भेद होते हैं:
  • उपमा अलंकार – जिन काव्यों में गुण, दोष, क्रिया के आधार पर दो या दो से जयादा वस्तुओं की एक दूसरे से तुलना की जाती है, उन्हें उपमा अलंकार कहते हैं|

उदहारण – पीपल पात सरिस मन डोला|

  • रूपक अलंकार – जिन काव्यों में दो या दो से जयादा वस्तुओं के भेद को समाप्त कर उन्हें एक दूसरे का रूप दे दिया जाए, उन्हें रूपक अलंकार कहते हैं|

उदहारण – मुख चंद्र तुम्हारा देख सके|

  • अतिशोक्ति अलंकार – जिन काव्यों में किसी वस्तु का परिचय या उसकी खासियत बढ़ चढ़ कर बताई जाए, उन्हें अतिशोक्ति अलंकार कहते हैं|

उदहारण – हनुमान की पूंछ में लग ना पायी आग,
सारी लंका जल गई, गए निसाचर भाग|

3. उभयालंकार ​किसे कहते हैं? – Ubhya Alankar Kise Kahate Hain

जब शब्दों का काव्य में ऐसा प्रयोग किया जाए की शब्दों के इस्तेमाल और उसके अर्थ दोनों से काव्य में चमत्कार उतपन्न हो, उसे उभयालंकार कहा जाता है|

उदहारण – चन्द्रमा सा उज्वल चेहरा|

आप इसे भी जरूर पढ़े :

संधि किसे कहते हैं, भेद, एवं उदहारण – Sandhi Kise Kahate Hain

उपसर्ग की परिभाषा, भेद एवं उदहारण – Upsarg Kise Kahate Hain

प्रत्यय – परिभाषा, भेद, एवं उदहारण – Pratyay Kise Kahate Hain

हमे उम्मीद है दोस्तों हमारा Alankar Kise Kahate Hain पर लेख आपके लिए सहायक मंद रहा होगा, इस लेख को अपने अन्य सहपाठियों के साथ शेयर करना ना भूले| और यदि आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो उसे निचे कमेंट में जरूर लिखे| धन्यवाद!

Hindipool: Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|