5+ Best Makhanlal Chaturvedi Poems in Hindi – माखनलाल चतुर्वेदी की कविताये

Best Makhanlal Chaturvedi Poems

Best Makhanlal Chaturvedi Poems आज हमने माखनलाल चतुर्वेदी की बेहतरीन कविताये को इस आर्टिकल में सम्मिलित किया है| माखनलाल चतुर्वेदी का नाम हिंदी साहित्य के जाने-माने कवियों में से एक है|

माखनलाल चतुर्वेदी का परिचय माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 में हुआ था, उनका नाम छायावाद के जाने-माने कवियों में से एक था| वह एक बहुत ही मशहूर कवी होने के साथ साथ सम्माज सुधारक भी थे| उन्होंने अपने जीवन में कई सारी प्रमुख रचनाएँ लिखी है, जो लोगो के दिल को छू गई| पंडित माखनलाल चतुर्वेदी ने प्रकृति पर अनेक कवितायें लिखी है जिससे उन्होने अपनी भावनाओ को व्यर्थ करि है| पंडित जी का निधन 30 जनवरी 1968 में हुआ था|

Makhanlal Chaturvedi Poems in Hindi-माखनलाल चतुर्वेदी की कविताये

Best Poem By Makhanlal Chaturvedi – रिश्ते

रिश्ते तो सीमाओं में नहीं भाषा करते,
उन्हें जूठी परिभाषाओ में नै डाला करते…

उड़ने दो इन्हे उन्मुक्त पंछियो की तरह,
बहती हुई नदी की तरह,
तलाश करने दो इन्हे इनकी सीमाएं,
खुद ही ढूंढ लेंगे उपमाये,

होने दो यही जो क्षण कहे,
सीमा वही हो जो मन कहे||

Hindi Poem By Makhanlal Chaturvedi – ज़िन्दगी और प्रकृति

झड़ने लगे नीम के पत्ते, बढ़ने लगी उदासी मन की,

उड़ने लगी बुझे खेतो से,
झुर-झुर सरसो की रंगीनी,
धूसर धुप हुई मन पर ज्यों,
सुधियों की चादर अनंबिनी…

दिन के इस सुनसान पेहेर पे, रुक सी गई अगति जीवन की,

सांस रोक कर खड़े हो गए,
लुटे लुटे से शीशम उन्मन,
चिलबिल की नंगी बाहो में,
भरने लगा एक खोयापन…

बड़ी हो गयी कटु कानो को, “चूर-मुर” ध्वनि बासो के बन की,

थक कर ठेर गयी दोहपरिया,
रुक कर सहम गई चौबाइ,
आँखों के इस वीराने में,
और चमकने लगी रुखाई||

Famous Makhanlal Chaturvedi Poems – पुष्प की अभिलाषा

चाह नहीं मेँ सुरबाला के गहनों में गुँथा जाऊँ,
चाह न हीं प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटो के शव पर, हे हरी डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवो के सर पर, चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ….

मुझे तोड़ लेना वनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ पर जावे जिव अनेक||

Heart Touching Poem By Makhanlal Chaturvedi –  बदरिया थम-थनकर झर री

बदरिया थम-थनकर झर री,
सागर पर मत भरे अभागन,
गागर को भर री|

बदरिया थम-थनकर झर री,
एक-एक दो-दो बूंदो में,
बंधा सिंधु का मेला,
सहस-सहस बन विहंस उठा है,
यह बूंदो का रेला,
तू खोने से बावरी,
पाने से डर री,

बदरिया थम-थनकर झर री,
जग आये घनश्याम देख तो,
देख गगन पर आगि,
तूने बूंद, नींद खितिहर ने,
साथ साथ ही त्यागी,
रही काजलियो की कोमलता,
झंझा को भर री,

बदरिया थम-थनकर झर री||

Best Makhanlal Chaturvedi Poems in Hindi – जिंदगी एक पहेली

एक सुबह एक मोड़ पर,
मेने कहा उसे रोक कर,
हाथ बड़ा ए जिंदगी,
आँख मिला के बात कर…

रोज तेरे जीने के लिए,
इक सुबह मुझे मिल जाती है,
मुरझाती है कोई श्याम अगर…

तो रात कोई खिल जाती है,
में रोज सुबह तक आता हूँ,
और रोज शुरू करता हूँ सफर…

हाथ बड़ा ए जिंदगी,
आँख मिला के बात कर…

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Hindipool: Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|