प्रकृति पर कविता 🌳 – Poems on Nature in Hindi

Poems on Nature in Hindi

Poems on Nature in Hindi

Poems on Nature in Hindi– दोस्तों आज हमने कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के छात्रों के लिए प्रकृति पर कविता लिखी है| इससे पहले हमने Poem on Environment in Hindi शेयर की थी| प्रकृति को अंग्रेजी में nature कहा जाता है|

यह कई चीज़ो से बनती है, जैसे हवा, पानी, पेड़, पौधों, आदि| यह सब मिल कर  हमारी प्रकृति में चार चाँद लगाते हैं, प्रकृति की सहायता से ही हमे ढेरो दैनिक जीवन की चीज़ो की प्राप्ति होती है, जैसे – सब्जियां, पानी, दवाइयाँ, आदि|

एक शुद्ध और सुन्दर प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है| अतः हमे हमेशा अपनी प्रकृति का सरक्षण करते रहना है और इसे सुन्दर बनाये रखना है, हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए|

प्रकृति पर कविता – Poems on Nature in Hindi

आओ मिलके पेड़ लगाए

आओ मिलके पेड़ लगाए,
हमारी प्रकृति को और सुन्दर बनाये,

यह है एक समझदार नागरिक की जिम्मेदारी,
हरी भरी रह सदैव पृथ्वी हमारी…

यह होगा अब से हमारा नारा,
स्वच्छ और सुन्दर रहे देश हमारा,

साफ सफाई का रखेंगे ख़ास ख्याल,
स्वच्छ रहेगा बच्चा, बुजुर्ग और जवान…

ना आएगी बीमारी आस-पास,
ना जाएगी किसी की जान,

जब बनेगा भारत स्वच्छ,
जब हम रखेंगे प्रकृति का ख्याल||

Hindi Poems on Nature

फूल की कली

कही कचरे में पड़ी,
एक फूल की कली,

अपनी किस्मत को देख है पड़ी,

कभी सम्मान में अर्पित,
कभी रिश्तो की महत्वता में चर्चित,

वह आज किसी के पेरो ताली रोंद गयी,
जो किसी आँगन में खिलने वाली थी,

वह किसी के पेरो से पीस गई,

विडंबना हो तो यह है,
देखो वह मृत्यो को प्राप्त होकर मर गई,

चारो तरफ खुशबू फैलाकर चली गई||

Poem on Prakriti in Hindi

प्रकृति से धुर

मुझे उनसे उन्होंने जुदा कर दिया,
शायद उनको मेने ज्यादा ही मजबूर कर दिया,

अपनी आधी पीछे छूटी हुई चाहतो की भाग-दौड़ में,
शयद मेने उनकी खुशियों को चूर कर दिया,

उसका कहना है, में उनसे प्यार नहीं करता,
में केहता हूँ वो मुझसे प्यार नहीं करती,

इस नौक झोक में हमने नफरत को अमर कर दिया,
इन मजबूरियों ने हमे, प्रकृति से धुर करदिया,

हमारी आँखों से वो सुंदर दृश्य को नष्ट कर दिया||

Short Poem on Nature in Hindi

मेरा नाम है प्रकृति – Prakriti Par Kavita

मेरा नाम है प्रकृति,
मेरा पता है धरती…

मेने सब कुछ होते देखा है,
इस अपराधों की दुनिया में,

पहाड़ से मेरी नदी को गायब होते देखा है,

मेरे पावन जल को,
प्लास्टिक की बोतले में बिकते देखा है,

और उसका कचरा मनुष्य ने मेरे सीने पे फेका है…

मेरे बच्चे फूलो को मरते हुए देखा है,
मेने मेरी दी गई देनों का गलत इस्तेमाल होते भी देखा है…

मेरा नाम है प्रकृति,
मेरा पता है धरती||

Nature Par Hindi Kavita

हरी भरी धरती

हरी भरी यह हमारी धरती,
हर मन को अपनी सुंदरता से हरती,

पेड़, पौधे, नदिया और झरने,
हरते हैं मन को यह सबके…

पेड़ हमे देता फल और मधु छाया,
विशाल है इसका रूप, हर दिल को है यह भाया,

अपने साथ है, रंगो भरी खुशियां ये लाया…

फूलो की अपरम्पार खुशबू,
मन को है सबको भाये,

हर दिल इसको सुंग के है,
खुशहाल हो जाए…

हरी भरी यह हमारी धरती,
हर मन को अपनी सुंदरता से हरती||

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हमे उम्मीद है दोस्तों आपको हमारी प्रकृति पर Poems on Nature in Hindi पसंद आई होगी, इन्हे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले, और साथ ही मेरी आपसे गुज़ारिश है प्रकृति की सुंदरता को बनाये रखने में अपना सम्पूर्ण योगदान देते रहे| धन्यवाद!

Hindipool: Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|