Patriotic Poems in Hindi : नमस्कार दोस्तों! आपका Hindipool पर स्वागत है| आज हमने देशभक्ति पर लोकप्रिय हिंदी कविताएं लिखि हैं|
Independence day और Republic day पर अक्सर लोग गूगल पर देशभक्ति पर अच्छी कविताएं ढूंढ़ते हैं इसलिए आज हम ख़ास आप सभी के लिए देशभक्ति पर Best कविताएं शेयर करने जा रहे हैं|
आइये अब और समय ना जाया करते हुए निचे लिखी गयी कविताएं पढ़ते हैं|
Contents
- 1 देशभक्ति पर कविताएं – Patriotic Poems in Hindi
- 1.1 देशभक्ति वाली कविता – Desh Bhakti Poem in Hindi
- 1.2 Short Heart Touching Patriotic Poem in Hindi
- 1.3 दिल को छू जाने वाले Patriotic कविता – poem on patriotism in hindi
- 1.4 Desh Bhakti Poems in Hindi by Rabindranath Tagore
- 1.5 आज़ादी पर कविता
- 1.6 Poems on Patriotism in Hindi
- 1.7 बच्चो के लिए देशभक्ति वाली कविता – Patriotic Poems in Hindi For Children
- 1.8 Desh Bhakti Patriotic Poems in Hindi by Harivansh Rai Bachchan
देशभक्ति पर कविताएं – Patriotic Poems in Hindi
देशभक्ति वाली कविता – Desh Bhakti Poem in Hindi
मैं गंगा का गान लिखता हूँ,
मैं हिमालय को रोज प्रणाम करता हूँ,
आज का पर्व है मेरे देश के नाम,
में हमारे इस लहराते तिरंगे को सलाम करता हूँ|
वीरों ने बहाया रक्त जहाँ,
मैं उस धरती का मान करता हूँ,
मिली फांसी जहां शहीदों को,
में उस तख़्त का अभिमान करता हूँ|
आज का पर्व है मेरे देश के नाम,
में इस तिरंगे को पुरे सम्मान और इज़्ज़त के साथ सलाम करता हूँ|
Short Heart Touching Patriotic Poem in Hindi
तीन रंग है अपने इस लहराते तिरंगे में,
इन तीनों को साथ लेकर चलना होगा,
किसी एक रंग को थाम कर,
मेरा देश नहीं कभी महान होगा।
जब भगवा, सफ़ेद और हरे रंग,
का एक बराबर सम्मान होगा,
साथ मिलकर चलने से ही,
हमारा भारत और महान होगा।।
दिल को छू जाने वाले Patriotic कविता – poem on patriotism in hindi
आज फिर से देश के लिए,
मर मिटने वाले वो जूनून याद कर लें…
देशभक्तों के दिलों में आज़ादी के लिए,
जो आग लगी थी उसकी ज्वाला आज एक बार फिर से याद कर लें…
जिन वीरों के खून बहाने के बाद,
मिली थी यह आजादी हमे…
उन वीरों के बलिदान की वो,
गाथा सुहानी आज फिर से याद कर लें||
यह भी जरूर पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay on Independence Day
Desh Bhakti Poems in Hindi by Rabindranath Tagore
नहीं मांगता, प्रभु, विपत्ति से, मुझे बचाओ,
त्राण करो विपदा में निर्भीक रहूँ मैं,
इतना, हे भगवान करो|
नहीं मांगता दुःख हटाओ,
व्यक्ति हृदय का ताप मिटाओ,
दुखों को मैं, आप जीत लूँ,
ऐसी शक्ति प्रदान करो|
विपदा में निर्भीक रहूं में,
इतना हे भगवान करो,
कोई जब मदद को ना आए,
मेरी हिम्मत टूट ना जाए,
जब जग धोखे पर धोखा दे,
और चोट पर चोट लगाए,
अपने मन में हार ना मानो,
ऐसा नाथ विधान करो|
विपदा में नर्भिक रहूं में,
इतना है भगवान करो,
नहीं मांगता हूं प्रभु,
मेरी जीवन नैया पार करो,
पार उतर जाऊँ अपने,
बस इतना है करतार करो,
नहीं मांगता हाथ बटाओ,
मेरे सिर का बोझ हटाओ,
आप भोज अपना संभाल,
लूँ ऐसा बल-संचार करो,
विपदा में निर्भीक रहूं में,
इतना है भगवान करो,
सुख के दिन में शीश नवाकर,
तुमको आराधूँ करुणाकर,
ओ विपत्ति के अन्धकार में,
जब मुझे रुलाकर,
तुम पर करने ना संशय,
यह विनती स्वीकार करो,
विपदा में निर्भीक रहूँ मैं,
इतना है भगवान करो||
यह भी जरूर पढ़ें: स्वतंत्रता दिवस पर शायरियां – Shayari on Independence Day
आज़ादी पर कविता
रेगिस्तानों में हो या हो पहाड़ो में,
या हो बर्फीले मैदानों में,
ना रोके सके उसे दुश्मन,
ना ही रोक सके उसे घाटियां,
रक्षा करता है वो सबकी, पूछता नहीं किसी से जातियां,
देश सेवा जिसका कर्तव्य दैनिक है,
देखो वो वीर भारत का सैनिक है,
करोडो की आबादी में बस उसके ही सीने में क्यों हो देशप्रेम का राग,
देश तो है तेरा भी, तू भी तो अब जाग|
जय हिन्द, जय भारत||
Poems on Patriotism in Hindi
अगर बिना किसी पाबंदी के जी रहे हो तुम,
तो आज़ाद हो तुम…
अगर तुम्हारे लिए दोस्ती में धर्म मायने नहीं रखते,
तो आज़ाद हो तुम…
लोगो को सूरत से नहीं सीरत से जानते हो,
तो आज़ाद हो तुम…
आज़ादी सोच में होनी चाहिए तुम्हारी,
जो दुसरो को तुम्हारे सामने आज़ाद,
होने का मौका दे…
आज़ादी तुम्हारे कदमो में हैं,
जो सच के लिए खड़े होने,
की हिम्मत रखते हैं…
आज़ादी तुम्हारे दिलो में हैं,
जो उन खयालो और सपनो को उड़ने की इज़ाज़त देते हैं|
बच्चो के लिए देशभक्ति वाली कविता – Patriotic Poems in Hindi For Children
कहीं धूप है तो कहीं छांव है,
कहीं शहर है तो कहीं गांव हैं…
साथ हंसते हैं और में ही साथ रोते हैं,
थोड़ा पाते हैं, थोड़ा खोते हैं…
मन में कसक है और दिल में भरा उमंग है,
दुनिया में बहती है, यह ऐसी तरंग है…
थोड़े झूठे है तो थोड़े सच्चे हैं,
पर हम सब भारत माँ के सच्चे और अच्छे बच्चे हैं|
जय हिंद!
Desh Bhakti Patriotic Poems in Hindi by Harivansh Rai Bachchan
नव किरण का रथ सजा है,
कली कुसुम का पथ सजा है,
बादलों से अनूचरों ने स्वर्ण की पोशाक धारी,
आ रही रवि की सवारी|
विहग बंदी और चारण,
गए रहे हैं कीर्ति गायन,
छोड़कर मैदान भागी तारको की फौज सारी,
आ रही रवि की सवारी|
चाहता, उछलूँ विजय कह,
पर ठिठकता देखकर यह,
रात का राजा खड़ा है राह में बनकर बिखारी,
आ रही रवि की सवारी||
हमे उम्मीद हैं दोस्तों आपको हमारी Patriotic Poems in Hindi पसंद आयी होगी| इन कविताओं को अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सप्प और फेसबुक पर शेयर करना ना भूले| धन्यवाद!