Essay on Holi in Hindi 2022 : होली एक लोकप्रिय भारतीय त्योहार है| जिसका लोगो को बड़ी बेसब्री और ख़ुशी से इंतज़ार रहता है|
होली को 2 दिन मनाया जाता है, यह त्यौहार भारत में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है| होली एक ऐसा त्यौहार है जो हर उम्र के व्यक्ति के द्वारा बनाया जाता है|
होली को मनाने के पीछे भी एक इतिहास है, आइये हम निचे दिए गए होली पर निबंध को पढ़कर होली से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हैं| इस निबंध को छोटी कक्षा के छात्र भी अपनी परीक्षा में इस्तेमाल कर सकते हैं|
होली पर निबंध – Essay on Holi in Hindi 2022
होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक त्योहार है| जिस दिन दुश्मन भी दोस्त बन जाते हैं| वैसे तो पुरे भारत में हर जगह ही होली को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है|
परन्तु जिस प्रकार मथुरा में होली मनाई जाती है| वैसी होली पूरे भारत में कही नहीं मनाई जाती है, होली के दिन मथुरा का दृश्य अति सुन्दर और देखने लायक होता है|
कई लोग तो खासकर होली खेलने के लिए मथुरा जाते हैं, इस बात से तो आप समझ ही गए होंगे की मथुरा कितना चर्चित है होली खेलने के लिए|
होली रंगो और खुशियों का त्योहार है| होली के त्योहार को भारत में 2 दिन मनाया जाता है| पहले दिन को होलिका दहन कहते हैं, जिस दिन हम सब अपने अंदर की बुराइयों को जलाते हैं,
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाता है| दूसरे दिन को हम सभी लोग आपस में रंगों के साथ होली खेलते हैं जिस दिन को धुलंडी कहा जाता है|
इस दिन सभी लोग सफ़ेद कपडे पहनकर कर अपने घरो से बहार आकर एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं, नाचते हैं, मस्ती करते हैं| आप यह जानके तो दंग रह जायेंगे की भारत के अलावा भी कई देशो में होली खेली जाती है, यहाँ तक की कई सारे अंग्रेज़ो को भी होली खेलना पसंद है|
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होलिका का दहन क्यों करते है?
प्राचीन समय में भगवान विष्णु के अनगिनत भक्तो में एक बहुत बड़े भक्त थे जिनका नाम प्रह्लाद था, प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप विष्णु विरोधी थे और वह स्वयं को भगवान् मानते थे|
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को कई बार भगवान विष्णु की भक्ति करने से भी रोका पर प्रह्लाद ने अपने पिता की एक बार भी नहीं सुनी, प्रह्लाद भगवान विष्णु की भक्ति करते रहे|
इससे हिरण्यकश्यप को गुस्सा आ गया और उन्होंने प्रह्लाद को आग में जलाके जान से मारने का प्रयास किया| इसमें उन्होंने अपनी बहन होलिका की मदद ली, होलिका को आग कोई हानि नहीं पंहुचा सकती थी, उसे आग में ना जलने का वरदान मिला हुआ था|
इसके बाद होलिका हिरण्यकश्यप के कहने पर प्रह्लाद को अपने साथ लेके चिता में बैठ गयी, पर आप जानके हैरान हो जायेंगे की चिता के जलने की शुरुआत से अंत तक प्रह्लाद को कोई हानि नहीं पहुंची बल्की होलिका जिसे आग से कोई हानि न होने का वरदान मिला था वो आग में जलके भसम हो गयी|
यह घटना हमे यह सिखाती है की बुराई चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो अच्छाई के सामने हमेशा छोटी पड ही जाती है अर्थात बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती हे|
इसके अगले दिन सभी लोग अपने पुराने आपसी झगडे भुलाके भाई-बहनो की तरह गुलाल के साथ होली खेलते हैं, नाचते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं और खूब मस्ती करते हैं|
होली भी कई तरह से खेली जाती हैं जैसे रांगो के साथ, लठ के साथ जिसे लठमार होली कहा जाता है फूलो के साथ और भी कई सारी चीज़ो के साथ|
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आशा है आपको हमारा होली पर निबंध – Essay on Holi in Hindi पसंद आया होगा|