Love stories in Hindi – पढ़िए अटूट प्रेम की कहानिया

Love stories in Hindi

Love stories in Hindi

आज हम आपके लिए हमारी पोस्ट “Love stories in hindi पर कुछ ऐसा ख़ास लाये हे। जो आपको बेहद पसंद आएगा। ऐसा नहीं है दोस्तों प्यार वो एहसास है जो हर कोई महसूस कर सकता है प्यार का कभी कोई अंत नहीं ये अनंत है। हर आम आदमी चाहता है की उससे कोई प्यार करे। ऐसी ही कई पौराणिक कहानिया है जो इस बात को प्रमाणित करती है की प्यार का कोई अंत नंही। और ऐसी कुछ कहानिया आज हम आपके लिए लाये है हम उम्मीद करते है की आपको हमारी पोस्ट पर लिखी कहानिया पसंद आएगी।

True Love Stories in Hindi – सच्चे प्यार की कुछ अनोखी कहानिया

Salim Anarkali Ki Love Story in Hindi – “सलीम अनारकली की दर्दनाक प्रेम कहानी”

Salim Anarkali Ki Love Story in Hindi – “सलीम अनारकली की दर्दनाक प्रेम कहानी”

दोस्तों सलीम अनारकली बादशह अकबर के पुत्र थे वे हमेशा से ही जिद्दी रहे थे सलीम की अपने पिता अकबर से कभी नहीं बनती थी वे हमेशा से ही अपने पिता के लफ्जो के खिलाफ रहे थे। जिस तरह सलीम अनारकली की प्रेम कहानी प्रसिद्ध है ठीक उसी के विपरीत जोधा अकबर की प्रेम कहानी भी काफी प्रसिद्ध है। सलीम के इसी व्यवहार की वजह से इन्होको बादशहा अकबर ने सेना में भेज दिया ताकि ये थोड़ा अनुसाशन सिख सके।

करीब 14 साल बाद जब सलीम अपने पिता के पास आये तो बादशहा अकबर ने सलीम के आने पर लाहौर में एक बहौत बड़ा जश्न रखा सलीम की आने की ख़ुशी में अकबर ने जश्न में एक नर्तकी को भी बुलवाया जिसका नाम नादिरा उर्फ़ अनारकली था अनारकली नाम उसे बादशहा अकबर ने उसके शानदार नृत्य को देखते हुए दिया था उस सभा में अनारकली के अलावा ऐसा कोई भी नहीं था जो उसकी सुंदरता के तेज को सहन कर सके।

सलीम ने अनारकली को अकबर के दरबार में लाहौर में पहली बार देखा था। जैसा  की अनारकली हुस्न की रानी थी जब सलीम ने अनारकली को देखा तो वह उस पर मर मिटा था सलीम अनारकली से महोब्बत करने लगे सलीम जानते थे की अनारकली एक कनीज है बादशहा अकबर उसे सहजादी के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहते थे ये बात जानते हुए भी सलीम अनारकली से महोब्बत कर बैठे।

जब इस बात की भनक अनारकली को लगी की शहजादे सलीम उनहोसे महोब्बत करते है। तो अनारकली ने  शहजादे सलीम से दूरिया बनाने लग गई उन्हों को डर था की अगर इस बात का पता बादशहा अकबर को पता चल गया तो वे अनारकली को सजाये मोत देदेंगे। इसलिए अनारकली नहीं चाहती थी की ऐसा कुछ हो लेकिन बादशहा सलीम की महोब्बत इतनी सच्ची थी की अनारकली भी इसके आगे हार गई और सलीम से प्रेम कर बैठी। कुछ समय बाद बादशहा अकबर को इस बातका पता चल गया और उन्होंने अनारकली को सजाये मोत देने का एलान कर दिया।

बादशहा अकबर ने सलीम को बुला कर समझाया भी था की की में किसी कनीज को मल्लिका नहीं बनने दूंगा तो बेहतर होगा की आप अनारकली को भूल जाए।तभी शहजादे सलीम ने बादशहा अकबर के खिलाफ बगावत कर बैठे लेकिन अकबर की सेना के आगे सलीम की सेना कुछ भी नहीं थी और सलीम को हार का सामना करना पड़ा। उस हार में बादशहा अकबर ने सलीम को सभा में सभी के सामने समझाया भी लेकिन शहजादे सलीम की महोब्बत के आगे एक बाप की महोब्बत ने आज दम तोड़ दिया था। और बादशहा अकबर ने सलीम को सजाये मौत का एलान कर दिया। इस बात की भनक जब अनारकली को लगी तो उसने खुद का बादशहा अकबर को सोप दिया और सलीम को छोड़ने के लिए कहाँ।

अनारकली को बादशहा अकबर ने ज़िंदा दिवार में चुनवाने का एलान कर दिया और अनारकली को जिन्दा दीवार में चुनवा दिया गया ये घटना 1599 ईस्वी में हुई जिस जगह अनारकली को जिन्दा दीवार में चुनवाया गया था वहाँ आज भी उनहोका मकबरा है और इसी प्रकार आज सलीम अनारकली की इस दर्दनाक प्रेम कहानी का अंत होता है

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दोस्तों हर साल लैला मजनू की याद में राजस्थान के बिंजौर जिले में सालाना मेला लगता है यहाँ लाखो प्रेमी जोड़े अपने प्रेम को अमर रखने और लैला मजनू की याद में दुआ करने आते है भारत और पाकिस्तान के मध्य बिंजौर गांव से लैला मजनू की प्रेम कहानी की शरुआत होती ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जो इतिहास के पन्नो में अमर हो गई ऐसी प्रेम कहानी आज के समय में ना कभी थी न कभी होगी और ना कभी हमको देखने को मिलेगी।

दोस्तों ये कहानी उस समय की कहानी है जब प्रेम का एक सामजिक बुराई के रूप में देखा जाता था यह कहानी 11 शताब्दी की है जहाँ मुस्लिम परिवार में मजनूं का जन्म हुआ मजनूं का नाम कायस इब्न

अल-मुलाव्वाह था मजनू के बारे में बड़े बड़े ज्योतिषो ने यह भी कहाँ था की ये लड़का बड़ा होकर एक लड़की के प्यार में पागल हो जाएगा।

 प्यार एक ऐसी चीज है जिसमे हर कोई गिरा है ऐसा इस दुनिया में कोई भी नहीं जो प्यार न करे ठीक उसी प्रकार मजनू की मुलाक़ात मदर्से में लैला नाम की एक बेहद खूबसूरत लड़की से हुई और मजनू उस लड़की को देखते ही अपना दिल दे बैठा और लैला भी मजनू से बेपनहा महोब्बत करने लगी जब इस बात की भनक लैला के परिवार को लगी तो उन्होंने लैला की शादी एक बड़े और एक अमीर व्यापारी से करवा दी। लैला ने अपने पति को बताया था की वो मजनू से प्यार करती है और उसके बिना वो जी नहीं सकती तभी लैला के पति ने लैला को तलाक देकर उसके घर भिजवा दिया। जब लैला वहाँ मजनू से दुबारा मिली तो दोनों ने एक साथ भागने का फैसला किया।

दोनों के भाग जाने के बाद लैला के दोनों भाइयो ने मजनू और लैला की तलाश कर उन्होको मरवा दिया।

और लैला और मजनू की इस भयानक प्रेम कहानी का अंत हो जाता है। आज भी इन्होकी प्रेम कहानी की मिसाले दी जाती है जो हर प्रेमी/और प्रेमिका को सुननी चाहिए।

हम उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारी Love stories in hindi पसंद आ रही होगी, आये अब हीर राँझा की प्रसिद्ध प्रेम कथा पढ़ते हैं|

Hindi Romantic Story of Hir Ranjha

Hindi Romantic Story of Hir Ranjha

यह कहानी उस प्रेम कहानी पर है जो एक दूसरे पर अपनी जान छिड़कते थे यह कहानी एक लड़के और एक लड़की पर है जिन्होंका नाम हीर-राँझा है राँझा का जन्म चिनाब नदी के किनारे एक गांव में गरीब परिवार में हुआ था राँझा से बड़े उसके दो भाई थे जो महेनत मजदूरी करते थे राँझा घर में छोटा होने के कारण मौज मस्ती करता रहता था लेकिन ग्रह कलेश के कारण राँझा ने अपना घर छोड़ दिया। लेकिन राँझा की किस्मत उसे कही और ही लेजा रही थी।

राँझा भटकते भटकते ‘हीर’ के गांव पंजाब(जो अब पाकिस्तान में है) जा पहोचा वहाँ राँझा की मुलाक़ात हीर से हुई हीर काफी खूबसूरत लड़की थी जिसकी अदाओ पर राँझा मर मिटा और हीर से महोब्बत करने लगा। इस बात का पता जब हीर को लगा की राँझा मुझसे महोब्बत करता है तो हीर भी राँझे को अपना दिल देने से रोक नहीं पाई वो भी राँझे से प्रेम करने लगी। हीर नहीं चाहती थी की राँझा उससे दूर जाए उसने अपनी पिता को बोलकर राँझे को काम पर रखवा लिया और दोनों किसी को बिना बताये मिलने लगे। दोनों की महोब्बत उस शिकार तक पहोच चुकी थी की वो एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे।

एक दिन हीर हीर राँझा को चुपके से मिलते हुए उसके चाचा ने देखा लिया और जब ये बात उसके चाचा ने हीर के माता पिता को बताई तो उन्होंने हीर का विवहा एक आमिर खानदान में करवा दिया और हीर राँझा अलग हो गए। इस बात का पता राँझा को पता लगा की हीर का विवहा उसके पिता ने करवा दिया वो वो हीर के प्यार में पागल हो गया। और गली गली संगीत गाते हुए भटकता रहा भटकते भटकते वो एक दिन हीर के ससुराल जा पहोचा वहाँ उसकी मुलाक़ात हीर से हुई। दोनों ने एक साथ भागने का फैसला किया और वो अपने इस मुकाम में काफी हद तक सफल भी हो गए थे लेकिन वहाँ के राजा ने उन्होको पकड़ लिया।

राजा को जब हीर राँझा की प्रेम कहानी के बारे में पता चला तो राजा ने इन्होका एक इम्तिहान लिया जिसमे दोनों सफल हुए राजा समझ चुका था की ये दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते और दोनों का एक साथ विवहा करवाने का एलान किया। लेकिन हीर-राँझा की किस्मत को ये मंजूर नहीं था हीर के चाचा को उन्होकी ये ख़ुशी बर्दाश्त नहीं थी और हीर को खाने में जहर मिला कर दे दिया उस खाने को खाते ही हीर की मृत्यु हो गई।

राँझा को पता चला की उसके चाचा ने हीर को खाने में जहर देकर मार दिया उसके दिल पर इतना गहरा असर हुआ की राँझा भी हीर के प्यार में उसी खाने को खा कर अपनी जान देदी और ये प्रेम कहानी इतिहास में अमर हो गई।

Chandragupta and Helena Love Story in Hindi

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दोस्तों आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसे राजा की जिसने अपने पराक्रम से अपना नाम अपनी प्रिसिद्धि इतिहास के गहरे पन्नो में जोड़ दी है। हम बात कर रहे है मगध सम्राट चन्द्रगुप्त की जो एक महान राजा और सम्राट के के रूप में उभरे। ये एक ऐसे सम्राट रहे जिन्होंने अपने बल पर समस्त भारत अपने दम पर जीता हर राज इन्होके एक मात्र नाम से काँप उठता था। जे जितने क्रूर थे उससे कई ज्यादा ये विनम्र भी थे इन्होकी इस विनम्रता का वर्णन हम विस्तार पूर्वक करेंगे।

चंदगुप्त मौर्य धनानंद के बाद एक ऐसे सम्राट हुए जिनो ने शांति पूवक राज्य की स्थापना की जो मगध सम्राट के रूप में उभरे। दोस्तों प्यार एक ऐसा मोह है जिसमे सम्राट चन्द्रगुप्त को भी पड़ना पड़ा उस लड़की का नाम हेलेना था जो सिकंदर के सेनापति सेलुकस निकेटर की बेटी थी। कई पौराणिक कथाओ में कहाँ जाता है की एक दिन जब सम्राट चन्द्रगुप्त युद्ध अभ्यास के दौरान सात सात सेनिको पर वार करके कैसे उन्हें परास्त कर रहे थे। चद्रगुप्त के आलावा वह एक सुन्दर कन्या और थी जो सिर्फ सम्राट चन्दगुप्र पर मोहित हो चुकी थी और यही से चन्द्रगुप्त मौर्य की प्रेम कहानी का प्रारम्भ हुआ।

चन्द्रगुप्त को इस बात की बिलकुल भी भनक नहीं थी की राजकुमारी हेलेना उनहोसे प्रेम करती है एक दिन जब सम्राट चन्द्रगुप्त अपने सेनिको के साथ नदी के किनारे अपने घोड़े पर बैठे घूम रहे थे तो उन्हों ने दूसरी तरफ एक सुन्दर कन्या को देखा जो और कोई नहीं राजकुमारी हेलेना थी। चन्द्रगुप्त भी उस लड़की पर मोहित हो चुके थे वे राजकुमारी को अपना दिल दे बैठे थे।

कुछ समय बाद जब हेलेना के पिता को सैन्य बल की आवश्कता पड़ी तो उन्हों ने सम्राट चंद्रगुप्ती का सहारा लेकर विरोधी को परास्त कर दिया और युद्ध में विजई हुए। सेलुकस निकेटर पर चन्द्रगुप्त का ये एक अहसान रहा जिसके चलते सेलुकस निकेटर ने सम्राट से कहाँ की आपको कभी भी किसी भी चीज की सहायता किये तो तन मन धन से में आपके लिए हाजिर हूँ।

तभी बिना कुछ सोचे समझे चन्द्रगुप्त ने सेलुकस निकेटर से कहाँ की अगर आपको कोई एतराज ना हो तो में आपकी पुत्री हेलेना का हाथ अपने लिए मांगता हूँ यभी हेलेना का हाथ उसके पिता ने सम्राट को सोप दिया और दोनों का एक साथ विवहा कर दिया। इन्होकी ये प्रेम कहानी भारतीय और यूनानियों के बिच एक गहरे सम्बन्ध की एक अनूठी छाप छोड़ती है जो आज भी याद की जाती है।

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हमारी आज की पोस्ट “Love stories in hindi पर लिखी सभी “stories” पौराणिक तोर पर प्रमाणित है ये सभी प्रेम कहानी एक ऐसी प्रेम कहानिया है जो आज कल के प्रेमियों को सही दिशा दे सकती है जैसे हीर-रांझा, सलीम अनारकली ऐसी काफी प्रेम कहानिया है जिन्होकी प्रेम कहानी इतिहास के पन्नो में आज भी अमर है।

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Hindipool: Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|
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