पेड़ की आत्मकथा – Ped Ki Atmakatha in Hindi

Ped Ki Atmakatha in Hindi

Ped Ki Atmakatha in Hindi

नमस्कार, दोस्तों आजकी हमारी पोस्ट ped ki atmakatha in hindi पर आप सभी का स्वागत है| इस आर्टिकल में हम आपको एक पेड़ की आत्मकथा के बारे में बताने जा रहे है की कैसे एक पेड़ भी अपने जीवन में दुःख दर्द का सामना करता है|

शयद काफी कम लोग जानते होंगे की पेड़ सजीव है लेकिन ये बात सच है पेड़ भी हमारी ही तरह सास लेते है हमारी ही तरह बड़े होते है और प्रकर्ति के संतुलन में अपनी अहम भूमिका भी अदा करते है। हमारी hindipool वेबसाइट पर पर आपको ऐसी कई आत्मकथा देखने को मिलेगी जो सिर्फ हमने आपके लिए लिखी है। में आशा करता हूँ की आपको हमारा लेख पसंद आएगा। 

पेड़ की आत्मकथा हिंदी निबंध – Ped Ki Atmakatha in Hindi

मेरा जन्म एक छोटे से बीज के रूप में इस प्रकृति पर हुआ था समय के साथ साथ में कब बीज से पेड़ में बदल गया पता ही नहीं चला। जब में छोटा था तो मुझे एक डर हमेशा सताता था की अगर किसी ने मुझे तोड़ लिया तो किसी जंगली जानवर या कोई गाय मुझे खा गई तो क्या होग। पर अब मुझे किसी चीज का डर नहीं क्योकि अब में बड़ा हो चुका हु एक विशाल पेड़ बन चूका हूँ में अब सबको उन्होकी जरुरत के हिसाब से लकडिया उपलब्ध करवाता हूँ इनकी आवश्कता के अनुरूप उन्होको फल सब्जी देता हूँ में हर काम में मानव जाती के लिए और इस प्रकर्ति के लिए सक्षम हूँ। 

में एक पेड़ हूँ जिसको भगवन ने इस प्रकर्ति में मानव समाज की ही भाति मुझे भेजा है मेरा उदेश्य प्रकर्ति का संतुलन बनाये रखना और मानव जाती का उद्धार करना है मेरी ही वजह से आज मानव जाती और सम्पर्ण समाज को ऊर्जा की प्राप्ति हो रही है मेरी ही वजह से लोगो को खाद्य पर्दार्थ की मिल पा रहे है अगर में न होता तो शायद मानव जाती आज कुपोषण का शिकार हो सकती थी क्योकि मेरी ही ऊर्जा की वजह से आज इन्होको वर्षा की प्राप्ति हो रही है मेरी वजह से आप ये जल प्राप्त कर पा रहे है अगर में न होता तो सम्पर्ण जल सूरज की गर्मी से पल भर में नदी नालो को सूखा कर बंजर कर देता। 

{दोस्तों में उम्मीद करता हूँ की आपको हमारा लेख Ped ki atmakatha in hindi पर पढ़ कर माजा आ रहा होगा}

पेड़ पोधो से मानव जाती को लाभ

मेरी ही वजह से आज मानव जाती इतने आराम से जी पा रही है। वो अपने नियमित जीवन और दिनचर्या में मेरा इस्तेमाल करती है। आज मानव जाती को जो फल सब्जिया मिल पा रही है उसकी वजह भी में ही हूँ|

मेरो ही वजह से आज ये घरो में लकड़ियों का इस्तेमाल कर पा रहे है मेरी ही वजह से ये सब अपने घरो में ईंधन बना पाते है। लेकिन मानव जाती फिर भी समझ नहीं पा रही है सब कुछ जानते हुए की पेड़ पौधे उन्होके लिए कितनी अहमियत रखते है फिर भी हमको अंधाधुन्द काटा जा रहा है हमे काट कर बड़ी बड़ी इमारतों का निर्माण किया जा रहा है जरा सोचो अगर हम ही नहीं रहेंगे तो ऑक्सीजन कहाँ से लाओगे हमारी ही वजह से आज तुम इस प्रकर्ति पर सास ले पा रहे हो। और अगर तुम अभी भी नहीं समझे तो एक दिन तुम इस प्रकर्ति के विनाश का कारण बनोगे।

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प्रकर्ति के संतुलन में मेरी अहम भूमिका

दोस्तों में पेड़ हूँ में भी आप सभी की तरह सास ले सकता हूँ मुझे भी प्यास लगती हैं और धुप से में अपना भोजन प्राप्त करता हूँ| इस समाज में और इस संसार में मै प्रकर्ति संतुलन में अपनी अहम भूमिका अदा करता हूँ|

आज मानव जाती और सम्पूर्ण समाज जिस ऊर्जा की वजह से जीवित है वो सिर्फ मेरे कारण जिव जंतु मेरे पास मेरी टहनियों पर आकर बैठ जाते है मुझसे अपना भोजन प्राप्त कर अपना जीवन व्यतीत करते है|

मुझे बेहद दर्द जब होता है जब मानव मेरे सामने वृक्षों को काट देता है अपने निजी स्वार्थ के लिए ये समाज आज पेड़ पोधो का महत्व  नहीं समझ पा रहा है अगर आज ये हमारी वैल्यू नहीं समझा तो जल्द ही ये धरती नर्क की गोद में समा जाएगी क्योकि जब धरती पर ऊर्जा ही नहीं रहेगी तो प्राकर्तिक आपदा आने में कोई ख़ास समय नहीं लगेगा। अगर वो अभी भी इसी तरह पेड़ो को काटते रहे तो इस प्रकर्ति विनाश का कारण मानव जाती को ठहराया जाएगा। 

व्यक्ति के जन्म से मृत्यु तक मेरा योगदान

दोस्तों जब व्यक्ति जन्म लेता है तो उसे मेरी ही लकड़ियों के झूले पर झुलाया जाता है मेरे दुआरा दी गई लड़की से मानव ने आज तरह तरह की चीजे बना दी है जिसका उपयोगा वो आज भी कर रहा है|

माँ कभी भी अपने बच्चो को डूबने नहीं देती ठीक उसी तरह पानी भी मुझे कभी डूबने नहीं देता क्योकि जल की वजह से ही आज में इतना बड़ा पेड़ बन पाया हूँ| लेकिन व्यक्ति के जन्म से मृत्यु तक उसके हर एक पल और जीवन में मेरी सबसे अहम भूमिका में आज भी निभा रहा हूँ|

जब एक मानव इस धरती पर अपना सम्पूर्ण जीवन व्यक्ति कर स्वर्ग की यात्रा पर निकलता है तो उसे उन्ही लकड़ियों पंचतत्वों में मिला दिया जाता है अर्थात विलीन कर दिया जाता है जो मेरे द्वारा ही संभव है। 

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आज की हमारी पोस्ट Ped ki atmakatha in hindi पर आप सभी भाइयो को मजा आया होगा। शायद इस लेख के जरिये आप समझ गये होंगे की पेड़ हमारे लिए और हमारे जीवन में कितना महत्व रखते है। इसलिए आप अपने आस पास पेड़ पौधे लगे उन्होको काटे नहीं। हमारी पोस्ट को इतना सारा प्यार देने के लिए आप सभी का धन्यवाद। 

Hindipool: Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|