होली पर कविता – Poem On Holi In Hindi

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8+ होली पर कविता - Poems On Holi In Hindi {2022}

Poem On Holi In Hindi : होली एक भारतीय त्योहार है जो बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है इसका लोगों को बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है इस दिन लोग आपस में एक दूसरे को रंग लगाते हैं और उसके 1 दिन पहले होलिका जलाते हैं|  

इस दिन सभी लोग खूब नाचते हैं, खाते हैं, मस्ती करते हैं| इस दिन का सभी को इंतज़ार रहता है, होली के दिन सब लोग एक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं|

जो लोग एक दूसरे से मिल नहीं पाते वो लोग इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे को होली पर कविताएं, शायरियाँ, और भी कई तरह से बधाइयाँ (Shayari On Holi, Hindi Essay On Holi, Best SMS On Holi In Hindi) देते हैं| 

होली पर कविता – Poem On Holi In Hindi {2022}

Hindi Poems on Holi

रंग लगे जोगन पर,

जोगन सतरंगी हो जाए,

रंग लगे हर मन पर, 

कोई बेरंग ना रह जाए| 

रंग लगे चेहरे,

हो जैसे फूलों का गुलदस्ता,

गुजिया और गुलालों, 

की खुशबू से बचपन हँसता,

रंग मिटाकर बैर का,

बस इक प्रेम का रंग लगाऊँ,

इस होली वह कान्हा बने,

और में उसकी राधा बन जाऊँ|| 


Holi Par Kavita

गहरे रंग से रंग रहे हैं सभी गोरी का गाल,

जिसने रंगा तड़प उठा, जो ना रंगा बेहाल, 

बैठ के माही याद कर रहे एक पुरानी याद,

जब रंगा था गाल गुलाबी हमने पिछले साल,

उस होली पर रंगा था जिसने सबसे पहले गाल,

वो बैरी अब बदल गया है नहीं पूछता हमारा हाल,

उसके पिया ने छुआ होगा उसको अबके साल,

उसके हाथ तो झूमे होंगे छूके उसके गाल || 


Holi Poems in Hindi For Kids

रंगों में प्यार मिला के,   

द्वेष भाव का दूर हटा के,

प्रेम भाव का रंग रचाओ,

ऊंच-नीच का फर्क भुला के…. 

हरा नारंगी पीला ले के, 

इनको फिर खूब मिला के,

सब को एक रंग सा कर दो,

सब रंगों का भेद भुला के….  

एक रंग में हम तुम रंग के,

एक भी सुर ताल में सज के,

राष्ट्रहित की और बड़े हम,

तिरंगे को धारण कर के…. 

सौहार्द के रंग को फैला के,

बीती सब बातों को भुला के,

होली पर्व है प्रेम मिलन का,

मिलो अब सब रंज भुला के || 


Poem on Holi in Hindi

बिना जंग के जैसे सीने में गोली,

ग़रीबों की होली, ग़रीबों की होली।

इधर से सलाखें, उधर से सलाखें,

सुबकते सुबकते हुईं लाल आँखें,

सिलेण्डर मिलेगा तो गुझिया बनेगी,

रखे रह गए ताख पर झोला-झोली,

ग़रीबों की होली, ग़रीबों की होली…

न हलुआ, न पूरी, मुकद्दर सननही,

थके पाँव दोनो, फटी-चीथ पनही,

लिये हाथ में अपने झाड़ू या तसला,

सुनाए किसे जोंक-जीवन का मसला,

न कुनबा, न साथी-संघाती, न टोली,

बीना आग-राखी, बिना रंग-रोली,

ग़रीबों की होली, ग़रीबों की होली…

न मखमल का कुर्ता, न मोती, न हीरा,

रटे रात-दिन बस कबीरा-कबीरा,

रहा देखता सिर्फ़ सपने पुराने,

नहीं जान पाया मनौती के माने,

मुआ फाग बोले अमीरो की बोली,

ये दिन, काँध जैसे कहारों की डोली,

ग़रीबों की होली, ग़रीबों की होली…


Short Poems on Holi in Hindi {2022}

गोरिया रे तोहरी चुनरी संभाल,

आयो रे नटखट नंद गोपाल,

ज़िद है उनकी,

होली तोहरे संग ही मनाएंगे,

चुपके से तोहके,

प्यार का रंग लगाएंगे|


होली पर छोटी कविता

होली है आज,

थोड़ा तुम्हारा थोड़ा मेरा,

भांग में झूमता हुआ कोई एहसास लिखना है| 

थोड़ा लाल थोड़ा हरा,

हर रंग जरा जरा,

रंग में रंगा कोई जज़्बात लिखना है| 


रंग लो इस रंग में,

रंग लो कुछ ढंग से… 

होली आई है फिर से,

रंग लो सब संग में|


Comedy Shayari Poem (हास्य कविता) on Holi in Hindi

यह तो हमारे दोस्तों की कृपा है,

जो उन्होंने हमे रंग के हँसा दिया…

वरना ज़िन्दगी में तो हमे,

हर रोज़ रुला रखा है| 


होली के रंग का क्या है, 

आज लगेगा कल उतर जायेगा…

पर हमारी दोस्ती का रंग, 

जन्मो तक रह जायेगा| 


हमसे बात नहीं करनी मत करो,

पर आज होली के दिन हमे रंग तो लगादो… 

इसी बहाने छू तो लोगी|


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