11+ Poems On Life In Hindi – ज़िन्दगी पर कवितायें

Poem On Life In Hindi

Life is full of joy and happiness, and to represent the value of life we have written some beautiful hindi poems on life.

Poem On Life in Hindi : नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में सर्वश्रेष्ठ जिंदगी पर हिंदी कविताओं  को सम्मिलित किया है|

एक ज़िन्दगी का सफर कैसे पूरा हो जाता हैं इसका हमे पता ही नहीं चलता है| या फिर ज़िन्दगी किस तरह से पूरी हो जाती हैं|

हम कई बार खुद को काम में इतना व्यस्त कर लेते हैं की हम ज़िन्दगी को ख़ुशी से जीना भूल जाते हैं और कभी ज़िन्दगी जीने का एहसास प्राप्त नहीं होता हैं|

हम इस आर्टिकल में बहुत सारी Zindagi Par Kavita पब्लिश कर रहे है इन ज़िन्दगी की कविता  के माध्यम से आपको ज़िन्दगी की महत्वता बताने का प्रयास करेंगे|

मुझे उम्मीद हैं की हमारा यह प्रयास आपकी ज़िन्दगी में कुछ बदलाव ला सकता हैं|

जिंदगी पर कविता – Poem On Life In Hindi

ज़िन्दगी जीने का मौका सिर्फ एक बार मिलता हैं तो हमारी ज़िन्दगी को कोई दूसरा क्यों तय करे| हमारी ज़िन्दगी है तो आज हम ही इसको तय करेंगे|

तो हम ज़िन्दगी पर कविता पढ़ना प्रारंभ करते हैं|

Life Poem In Hindi

“जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा

जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा

बिना संघर्ष के इंसान चमक नहीं सकता, यारों

जो जलेगा उसी दिये में तो, उजाला होगा|

उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,

नजर उठाओ सामने ज़िन्दगी खड़ी है,

अपनी हंसी को होंठो से न जाने देना!

क्योकि आपकी मुस्कराहट के पीछे

दुनिया पड़ी है|

Life Poem In Hindi

Poem About Life In Hindi

दो पल की जिंदगी है, आज बचपन, कल जवानी,

परसों बुढ़ापा, फिर खत्म कहानी है।

चलो हंस कर जिए, चलो खुलकर जिए,

फिर ना आने वाली यह रात सुहानी,

फिर ना आने वाला यह दिन सुहाना।

कल जो बीत गया सो बीत गया,

क्यों करते हो आने वाले कल की चिंता,

आज और अभी जिओ, दूसरा पल हो ना हो।

आओ जिंदगी को गाते चले,

कुछ बातें मन की करते चलें,

रूठो को मनाते चलें।

आओ जीवन की कहानी प्यार से लिखते चले,

कुछ बोल मीठे बोलते चले,

कुछ रिश्ते नए बनाते चले।

क्या लाए थे क्या ले जायेंगे,

आओ कुछ लुटाते चले,

आओ सब के साथ चलते चले,

जिंदगी का सफर यूं ही काटते चले।

नरेंद्र वर्मा


Hindi Kavita On Life – ज़िन्दगी पर हिंदी कविता

पानी के बिना नदी बेकार है,

अतिथि के बिना आंगन बेकार है,

प्रेम ना हो तो सगे-संबंधी बेकार है,

पैसा न हो तो पॉकेट बेकार है

और जीवन में गुरु न हो तो जीवन बेकार है|

इसलिए जीवन में गुरु जरूरी है, गुरुर नहीं|

Hindi Kavita On Life – ज़िन्दगी पर हिंदी कविता

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Latest Poem On Life In Hindi

रुई का गद्दा बेच कर.. मैंने एक दरी खरीद ली,

ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और खुशी खरीद ली…

सब ने खरीदा सोना.. मैने इक सुई खरीद ली,

सपनों को बुनने जितनी डोरी ख़रीद ली…

मेरी एक ख्वाहिश मुझसे मेरे दोस्त ने खरीद ली,

फिर उसकी हंसी से मैंने अपनी कुछ और खुशी खरीद ली…

इस जमाने से सौदा कर एक… ज़िन्दगी खरीद ली,

दिनों को बेचा और शामें खरीद ली…

शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से और कुछ कम किये,

फिर सस्ते में ही सुकून-ए-ज़िन्दगी खरीद ली!


Life Poem In Hindi

सोचा था संवारेंगे तुझे ऐ! ज़िन्दगी,

देकर तुझे स्वप्नों के कुछ नए रंग।

पर तुझको सवांरते, और तुझको निखारते,

न जाने कितने दिन बीत गए ऐ! ज़िन्दगी।

आज सोचा तो जाना,

जो जीते थे अब तक…वो ज़िन्दगी न थी।

जिसको सवांरते,जिसको निखारते,

न जाने कितने दिन बीत गए ऐ! ज़िन्दगी।

जिंदगी के मायने भी, उस मोड़ पर समझ आए।

जिसको संभालते, जिसको स्वीकारते,

न जाने कब बीत गयी ऐ! ज़िन्दगी।

– निधि अग्रवाल


जीवन अनमोल है पर कविता

ज़िन्दगी है ख़ास,
इसे मत कहो तुम बकवास,
बहुत लोगो की है यह अधूरी आस,
मेरे दोस्त ज़िन्दगी है ख़ास…

हस्ते रहो, मुस्कुराते रहो,
ना जाने ये पल कब बीत जाए,
इस गुलशन की दुनिया में,
ना जाने यह जनामा कब बीत जाए…

ज़िन्दगी है ख़ास,
इसे मत कहो तुम बकवास…

माँ बाप के साथ दिन बिताओ,
उनके गले लगो और उनको हसाओ,
सब मिलके खुशियां मनाओ,
इस ज़िन्दगी को ना यु गवाओ|


Poem on life struggle in Hindi -“ज़िंदगी के संघर्ष के निशान”

आज देखा ज़िंदगी को तो 

वो रास्ते पर मेरे मुस्कुरा रही थी। 

उसे देखा इधर-उधर वो

मुझसे छुपे चली जा रही थी। 

कुछ सालो बाद आई मेरे करीब

वो मुझे लोरी सुनाकर सुलाए जा रही थी। 

में क्यू नाराज हूँ उसे और वो

मुझसे वो मुझे बताये जा रही थी। 

मेने उसे पूछा-की क्यू तूने मुझे,

इतना तड़पाया वो मुस्कुरा कर बोली,

में ज़िंदगी हूँ तुझे चलना सीखा रही थी।


ज़िंदगी का सफर -“Poem on Adventure of life”

Zindagi के इस सफर में,

कई कठिनाइयाँ भी आएगी,

अपनी उम्मीद को बनाये रखना क्योकि 

दुखो की बरसात भी होगी संभल कर रहना,

कही बर्बाद ना करदे ये हमसफ़र तेरे,

क्योकि तुझे मिटाने के लिए ये कायनात,

भी होगी। 

ये zindagi तुझे गिराएगी जरूर,

फिर तेरा सफर डगमगाएगा। 

जमाने की औकात उस की,

असलियत दिखाएगी। 

तू ज़रा संभल कर चलना,

ये रहा काँटो से भरी है,

कही चुभ ना जाये,

वरना ये तेरी तकलीफ जायेगी। 

Zindgi  का ये सफर हर कोई,

जीना चाहता है। 

हर कोई जीनेके लिए लिए,

इधर-उधर भागता है ,

ऐसा कोई नहीं जो मंजिल पर,

नहीं पहोचना चाहता है, 

हर कोई मंजिल पर जाना चाहता है,

पर वो कदम भी नहीं भड़ाता ये

सनसनीखेज है।


जाने कहाँ गये वो दिन – poems on precious days of life

जाने कहाँ गये वो दिन,

जब तेरे साथ एक ज़िंदगी देखी,

अब का पता नहीं तेरे साथ,

इस सफर में आगे भी रहे या नहीं 

बीते सालो को तोला तो,

पाया हाथ से फिसलते जा रहे,

     जाने कहाँ गये वो दिन।  

जाने कहाँ गये वो दिन,

जब तेरी गलियों में रोज 

आया करते थे,

आते थे उस एक चाँद को,

देखने जो सिर्फ और सिर्फ मेरा था

ना जाने कहाँ गुम हो गया वो लम्हा,

जाने कहाँ गये वो दिन। 

जाने कहाँ गए वो दिन,

महज तेरी एक मुस्कान

देखने के लिए मिला करते थे,

सालो बीत गए उस चाँद को

मुस्कुराते हुए देखा नहीं 

जाने कहाँ गये वो दिन।


After death of life poems in Hindi -“ज़िंदगी के बाद का सफर”

किसी के जाने के बाद ज़िंदगी,

रुक तो नहीं जाती ये,

सफर उस के बाद भी रहेगा

किसी के जाने के बाद,

उस की रूह का का सफर

रुकता तो नहीं वो आज,

आपके पास है तो कल,

किसी और के पास। 

मौत आने से पहले एक बात,

हमेशा मेरे जहन में रहेगी,

पुर्नजन्म को में मानता नहीं 

पर जब भी कोई बात आई 

इस जीवन में में जो नहीं,

कर पाया उसे अगले जन्म के,

लिए छोड़ दिया बस इतना ही।

सबका सहारा था में परिवार में,

एक आरजू थी कुछ बनने की,

आशय थी मुझसे कुछ अपनों की,

मौत की अंतिम सांस पर,

छोड़दी हमने ज़िंदगी,

जिसको मुझसे उम्मीद थी,

उससे मुझे जुदा कर कर गई

ज़िंदगी,

चारो तरफ से घिरा हुआ था में,

साथ चल रहे वो भी जिससे पलभर,

बात भी ना हुई,

मन करता है सभी चुकादू,

जो आये हमदर्द उठकर,

सभीको बाहो में भरलू ,

मेरा रोना ना दिखा किसीको,

मेरे सामने सब रोये जा रहे ,

कल तक जो बैठे थे साथ,

आज अर्थी उठा रहे|


ज़िंदगी बहुत छोटी है – life is a short journey hindi kavita

माँ के आँचल से उतर कर 

हम चलना सिख रहे थे,

भागे दौड़े उठे चले,

समय बीत गया बचपन की तरह,

खेल कूद में निकला बचपन,

कब निकल गए पढ़ाई में दस,

नयी ज़िंदगी जी रहे थे,

सफर निकला इस कदर,

कब पड़रहा के हो गए,

बढ़ गया था बोझ घर का,

कब इक्कीस के हो गए,

देखते ही देखते जॉब लग,

चुकी थी बैंक बैलेंस बन चुका था,

में भी तिस पार कर चुका था

शादी के दिन आये कब

एक से दो हो गए और में 

सताईस का हो चुका था 

कब बच्चो की आहात में

रात दिन महेनत कर रहे थे 

तब तक हम  37 के हो चुके थे

यु तो दिल समुन्दर है इन्होका 

पर आँखो में कभी नमी नहीं होती,

और जितना सोचते है हम लड़को 

की ज़िंदगी उतनी आसान नहीं होती,

काम का बोझ उठाये ये,

अपने ही घर से दूर रहते है 

लड़की की विदाई पर तो ज़माना,

रोता हे पर इन्होका को जीकर भी नहीं,

और जितना हम सोचते है लड़को 

की ज़नदगी उतनी आसान नहीं होती,

माँ के दुलारे होते बेशक लेकिन 

एक नौकरी के खातिर हजारो 

ठोकरे खानी पड़ती है 

कभी जो करते थे नखरे 

भर रहकर सारी यादे भुलानी पड़ती है 

कुछ जिम्मेदारी से जागते है 

तो कुछ को जरूरते जगाए रखती है

ये लड़के हे जनाब जितना हम सोचते है

लड़को की ज़िंदगी उतनी आसान नहीं होती।


 दोस्तों अंत में, में एक poetry in hindi on life प्रस्तुत करना चाहूंगा –

ज़िन्दगी में जरूर नहीं, जो चाहे वो मिल जाए,
जरुरी यह है, जो पास है,
वो कभी खो ना जाए||

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