जानिये स्टार्टअप कंपनी क्या है – Startup Meaning in Hindi

Startup Meaning in Hindi

What is Startup Meaning in Hindi स्टार्टअप एक ऐसा business model होता है जो समाज में हो रही problems या कठिनाइयाँ को रखके बनाया जाता है, जिसके 2 अहम मकसद होते हैं, पहला लोगो की परेशानी समझ कर एक ऐसा business बनाना जो उनकी सहायता करे हेतु उनकी परेशानी का समाधान करे और दूसरा अपने बनाये हुए स्टार्टअप से खुद का पेट भरना यानी पैसा कामना| चलिए अब स्टार्टअप का मतलब क्या होता है, और अच्छे से समझते हैं|

चलिए हम आपको दुनिया के सबसे successful स्टार्टअप गूगल (Google) के बारे में बताते हैं| गूगल की स्थापना सितम्बर 1998 में Lary Page और Sergey Brin के द्वारा हुई थी. यह एक टेक स्टार्टअप है. जो की आपको घर बैठे कुछ seconds में हर विषय पर जानकारी प्रस्तुत करके (information) देता है|

Startup Meaning in Hindi – स्टार्टअप क्या होता है

क्या आप Founder का मतलब क्या होता है समझते हैं? यदि नहीं तो हम आपको बता दे फाउंडर वह मनुष्य या मनुष्यो का समूह होता है जो एक स्टार्टअप के कर्ता धर्ता होते हैं, एक स्टार्टअप के ज्यादा से ज्यादा एक, दो, या तीन Founder हो सकते है. यह शुरुवाती दौर में काफी छोटे स्स्तर (scale) पर शुरु किया जाता है और यदि उनका प्रोडक्ट या सर्विस लोगो को पसदं आने लगता है तो इसे धीरे धीरे बड़े स्तर पर ले जाया जाता है, यानी startup की scalability की जाती है, इसे और बड़ा बनाया जाता है

चलिए हम आपको अब इंटरप्रेन्योर (Entrepreneur) क्या होता है, यही किसे कहा जाता है? समझते हैं, इंटरप्रेन्योर उस इंसान को कहा जाता है जो समाज की problems सोल्व करने के लिए एक unique startup idea लाता है और एक नए स्टार्टअप की स्थापना करता है|

स्टार्टअप की विशेषताएं – Features of Start-Ups in Hindi

1. इनोवेटिव(Innovative) – स्टार्टअप एक solution पर काम unique तरीके से काम करता है, ऐसे नए नए तरीके लाता है जो पहले किसी ने इस्तेमाल ना किये हो. इस ही innovative idea की वजह से एक स्टार्टअप अपने आप को मार्केट में stand out करता है| परन्तु नया होने के कारण उससे grow करने में यानि बढ़ने में लगता है|

2. रिस्की(Risky) क्योंकि स्टार्टअप एक नई तरीके से काम करता है तो इसके successful होने के chances बहुत कम होते है| कहीं बार तो यह चालू होने से पहले ही ख़तम हो जाते हैं अर्थात यह बहुत risky होते हैं|

3. मेक ब्रिज(Bridge) – स्टार्टअप लोगो की प्रोब्लेम्स और सोलूशन्स के बिच एक ब्रिज बनता है, जिसकी सहायता से लोग प्रॉब्लम से सोलूशन्स तक पहुँच सके|

4. वैरायटी ऑफ जॉब्स(Jobs) – शुरुवाती स्थिति में स्टार्टअप्स कहीं सारे काम करता है जैसे की branding, staff hiring, आदि, इसमें कई प्रकार का नौकरी मौजूद होती है|

5. पूल ऑफ़ अम्बिशयस(Pools of ambitious) – स्टार्टअप के काम करने का तरीका बहुत अलग होता है. उनके फाउंडर इस दुनिया को एक अलग तरीके अर्थात एक different mindset से देखते है. इसका सबसे बड़ा उद्धरण है – एलोन मस्क (Elon musk) जिन्होंने आने unique idea से एक स्टार्टअप बनाया जिसका नाम है SpaceX. इस स्टार्टअप के जरिये वह मार्स पर दुनिया बसा कर लोगो को वह विकसित करना चाहते हैं. और इंसानों को स्पेस का सफर (space travel) करवाना चाहता हैं| अब पुरे विश्व में Elon musk को दुनिया का सबसे successful इंटरप्रेन्योर माना जाता है|

6. क्रांतियाँ (Revolutions) – स्टार्टअप एक नया चेंज लेकर आता है और नए तरीके से पैसे कमाता है जो की पहले किसी और ने न किया हो|

7. कम कार्यकर्मी (Less staff) – क्योकि यह शुरुवाती दौर में बहुत छोटा होता है और बहुत काम लोग होते हैं जो इसमें काम करना पसंद करते हैं, इस में काम करने वाले एम्प्लाइज की संख्या बहुत कम होती है. और इसलिए उन्हें काफी काम करना पड़ता है|

8. रोलरकोस्टर (roller coaster) – स्टार्टअप बिलकुल एक रोलरकोस्टर की तरह होता है इसमें कहीं सारे उतार चढ़ाव आते है. इसे काफी साडी बड़ी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है|

9. खरीदार(potential customers) – स्टार्टअप्स हमेशा अपने पोटेंशियल कस्टमर्स तक अपने प्रोडक्ट को पहुंचाने की कोशिश करता है|

10. एक्सपेरिमेंट्स (experiments) – स्टार्टअप में फाउंडर्स विभिन्न तरीको से अपने स्टार्टअप पर एक्सपेरिमेंट करता है, ताकि अपने प्रोडक्ट की quality को ज्यादा बड़ा सके और उसकी कॉस्ट कम कर पाएं. ताकि वह अपने प्रॉफ़िट्स को बढ़ा सकें.

11. प्रगति (growth) – ज्यादा तर स्टार्टअप्स पहले अपने आपको ग्रो करने की कोशिश करते है, और प्रॉफ़िट्स पर ज्यादा ध्यान नही देते है, और कहीं सरे स्टार्टअप भी ऐसे है जो पहले प्रॉफ़िट्स पर ध्यान देते हैं, परन्तु सबसे सर्वश्रेष्ठ यही रहता है आप शुरुवात में अपने start up को grow करने पर ध्यान दे|

How To Raise Funds for startups in Hindi? स्टार्टअप के लिए फंड् कैसे लाया जाता है

आपके पास एक स्टार्टअप idea है परन्तु आपका पास उसकी स्थापना के लिए फंड्स नहीं है तो आये अब हम आपको डिटेल में बताते हैं एक startup को ऐसे फण्ड किया जाता है|

1. सेल्फ-फंडेड(Self-funded) इस तरीके में एक फाउंडर अपनी सेविंग्स से अर्थात अपनी जेब से पैसे निकल कर स्टार्टअप में इन्वेस्ट करता है|

2. बूटस्ट्रैप्स(Bootstraps) इसका मतलब है की स्टार्टअप से जितना भी पैसा कमाया जाए शुरुवाती दौर में उसको दुबारा से स्टार्टअप में ही इन्वेस्ट करदेना जिससे एक fund cycle बन जाता है|

3. दोस्त और परिवार (friends& families) – अगर फाउंडर के पास पैसे नही है, तो वह अपने फैमिली मेंबर्स या फ्रेंड्स से उधार ले सकता है या उन्हें अपने स्टार्टअप में इन्वेस्ट करने को बोल सकता है|

4. खरीदार (customers) – कस्टमर भी एक स्टार्टअप को सेल्स के बेसिस पर फंड्स दे सकता है. अगर वह उनकी प्रॉब्लम सॉल्व करता है तो

5. क्राउडफंडिंग (crowdfunding) – यदि आपके startup idea में दम है तो बहुत से लोग आपके स्टार्टअप में इन्वेस्ट करते है. यह एक तरह से चैरिटी की तरह काम करता है जिससे आपके स्टार्टअप को फंडिंग मिलती है| इसका सबसे बड़ा उदहारण है विकिपीडिया(Wikipedia).

6. एंजेल इन्वेस्टर्स (angel investors) – एक इंटरेस्टेड बिज़नेस मैन या इन्वेस्टर आपके स्टार्टअप में इन्वेस्ट करता है और उसके बदले कुछ हिस्से दारी का मांग करता है|

7. एक्सेलरेटर इनक्यूबेटर (accelerator incubator) – यह एक ऐसा इन्वेस्टर होता है जो आपको फंडिंग ना देके आपको life changing mentorship देता है, जिसे एक तरह से intellectual funding कहा जा सकता है|

8. विक्रेता (vendors) – अगर आपके आस शुरुआत में स्टार्टअप के लिए कुछ ज़रूरत की चीज़े नही है तो आप vendors को अपने स्टार्टअप में हिस्से दारी देकर उनसे जरुरी चीज़ें की कमी पूरी कर सकते हैं|

9. वेंचर कैपिटल (venture capital) – वेंचर कैपिटल भी कहीं हद तक एंजेल इन्वेस्टर की तरह है. यह भी स्टार्टअप को फण्ड करने का एक जरिया है|

10. आईपीओ (IPO Initial public offering) – इसे आसान भाषा में आप एक तरह का शेयर बाजार समझे| इसका मतलब है की जब आपका स्टार्टअप बहुत बड़ा हो जाये| तब आप सीधा पब्लिक से फण्ड रेज कर सकते हैं और बदले में उन्हें हिसेदारी दी जाती है|

11. गवर्नमेंट योजनाएं (Government schemes) – अभी हाल ही में गवर्नमेंट नै घोषित किया है की सरकार अब स्टार्टअप में पैसे लगाना शुरू करेगी| अधिक जानकारी के लिए आप गवर्नमेंट की स्टार्टअप वेबसाइट पर जा सकते हैं|

चलिए अब हम आपको स्टार्ट अप के एक रकार से रूबरू करते हैं| जिसका नाम है यूनिकॉर्न स्टार्टअप, आप आप सोच रहे होंगे What is Unicorn Startups? यूनिकॉर्न स्टार्टअप क्या है? चलिए हम आपको यह विस्तरापूर्वक सरल भाषा में समझाते हैं:
जब कभी भी कोई स्टार्टअप की वैल्यूएशन रुपया 100 करोड़ (1billion) तक पहुँच जाती उससे हम यूनिकॉर्न स्स्टार्टअप (Unicorn Startup) कहा जाता है| इसके कुछ उदहारण है Paytm, Zomato आदि|

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Hindipool: Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|