दोस्तों आप सभी ने yada yada hi dharmasya shlok तो सुना ही होगा, पर क्या आपको इसका हिंदी में अर्थ क्या होता है मालुम है|
यदा ही यदा ही… महाभारत ग्रंथ का एक बहुत ही प्रसिद्ध श्लोक है, यह श्लोक श्री कृष्ण के द्वारा कहा गया था, आइये इसका हिंदी में क्या मतलब होता है जानते हैं|
Yada Yada Hi Dharmasya Meaning in Hindi
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिभर्वति भारत,
अभ्युथानधर्मस्य तदात्मान सृजामय्हम्||
अर्थ – इस श्लोक में श्री कृष्ण अर्जुन कहते हैं – जब जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि होती, या विनाश का कार्य होता है, और अधर्म आगे बढ़ता है, तब तब में इस पृथ्वी पर आता हूँ और इस पृथ्वी पर अवतार लेता हूँ|
यह श्लोक श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को कहा गया था|
महाभारत के युद्ध के समय जब अर्जुन अपनी विरोधी सेना में अपने गुरुओ, सम्बधियो, और साथियो को देखता है, तो उसका मन दुखी हो जाता है, और वो युद्ध ना करने की बात करता है, उस समय श्री कृष्ण अर्जुन को यह श्लोक बोलते हैं, की जब जब इस धरती पर अधर्म होगा, में इस धरती ओर जन्म लूंगा|
इस श्लोक में श्री कृष्ण ने अपने अस्तित्व की वजह बताते हुए, दुनिया में रहने वाले अधर्मियों को चेतावनी दी है, सभी अधर्मियों का दुर्योधन जैसा विनाश होगा|
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दोस्तों क्या अब आप यदा यदा ही धर्मस्य श्लोक का हिंदी में अर्थ क्या होता है? समझे | यदि आप ऐसे और श्लोक के अर्थ जान ना चाहते हैं, तो हमे कमेंट में जरूर बताये, हमे आपकी मदद करके बहुत अच्छा लगता है| धन्यवाद!