Pratyay Kise Kahate Hain हेलो बच्चो! आज हमने हिंदी व्याकरण के एक अहम भाग प्रत्यय किसे कहते हैं पर लेख लिखा है| इससे पहले हमने Ras Kise Kahate Hain पर लेख लिखा था| इस लेख में हम जानेगे प्रत्यय की परिभाषा, प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं और प्रत्यय के उदहारण| हमे मालुम है आप किताबी भाषा पढ़के बोर हो गए हैं और आपको उसमे कुछ समझ नहीं आता है, इसलिए आज हम आपको प्रत्यय के बारे में आसान भाषा में और बहुत interesting तरीके से पढ़ाएंगे|
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Pratyay Kise Kahate Hain in Hindi – प्रत्यय की परिभाषा
आसान और सरल शब्दों में प्रत्यय की निम्नलिखित परिभाषाये होती हैं:-
- कोई भी शब्दांश जो दूसरे मूल शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में सम्पूर्ण रुक से परिवर्तन लाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहा जाता है|
- जिन शब्दों को किसी अन्य शब्द के अंत में लगाने से उसके अर्थ में परिवर्तन आये जिससे एक नए शब्द का निर्माण हो उन्हें प्रत्यय कहते हैं|
आइये इन्हे उदहारण की मदद से समझते हैं:
- सम्म्मान – इसमें “मान” प्रत्यय है|
- कुल्फीवाला – इसमें “वाला” प्रत्यय है|
- उपवास – इसमें “वास” प्रत्यय है|
प्रत्यय के भेद एवं प्रकार – Pratyay Ke Bhed in Hindi
मूल रूप से प्रत्यय के निम्नलिखित दो भेद होते हैं:-
1 . कृत प्रत्यय
2. तद्धित प्रत्यय
प्रत्यय के भेदो की परिभाषा
कृत प्रत्यय की परिभाषा – Krit Pratyay Kise Kahate Hain
परिभाषा -जिन प्रत्ययों को क्रिया धातु के बाद लगाए जाने पर एक नए शब्द का निर्माण होता है, उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं| और कृत प्रत्यय के योगदान से बने शब्दों को कृदंत कहा जाता है|
उदहारण –
- अपमान – अप + मान – इसमें “मान” कृत प्रत्यय है|
- मिठास – मीठा + आस – इसमें “आस” कृत प्रत्यय है|
कृत प्रत्यय के पाँच भेद होते हैं
- कृतवाचक कृदंत -जिन प्रत्यय शब्दों से कार्य को करने वाले अर्थात करता का बोध हो उसे कृतवाचक कृदंत कहते हैं|
उदहारण –
- आड़ी – खिलाडी, अनाड़ी,
- वाला – लिखनेवाला, पड़नेवाला
- कर्मवाचक कृदंत – जिन प्रत्यय शब्दों से कर्म अर्थात कार्य के करे जाने का बोध हो उसे कर्मवाचक कृदंत कहते हैं|
उदहारण –
- ना – हसना, रोना
- आना – भगाना, गाना चिलाना
- करणवाचक कृदंत -जिन प्रत्यय शब्दों से क्रिया के साधन या कारण का बोध हो उसे करणवाचक कृदंत कहते हैं|
उदहारण –
- नी – करनी, भरनी
- न – झाड़न, पाचन
- भाववाचक कृदंत -जिन प्रत्ययों के इस्तेमाल से क्रिया से भाववाचक संज्ञा के निर्माण होने का बोध हो, उसे भाववाचक कृदंत कहते हैं|
उदहारण –
- ना – भागना, करना, पढ़ना
- आई – लिखाई, पढ़ाई
- क्रियधोतक कृदंत – जिन प्रत्ययों के इस्तेमाल करने से क्रिया के होने का बोध हो, उसे भाववाचक कृदंत कहते हैं|
उदहारण –
चलता हुआ, भागता हुआ
तद्धित प्रत्यय की परिभाषा – Tadhit Pratyay Kise Kahate Hain
परिभाषा -जिन प्रत्ययों का संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों में इस्तेमाल करने पर एक नए शब्द का निर्माण हो, उसे तद्धित प्रत्यय कहते हैं|
उदहारण –
- बुरा + आई – बुराई
- पराया + पन – परायापण
कृत प्रत्यय के आठ भेद होते हैं
- कृतवाचक तद्धित
उदहारण –
- आर – सुनार, कतार, लुहार
- ऐरा – घेरा, सुन्हेरा
- संबंधवाचक तद्धित
उदहारण –
- आलू – कृपालु, श्रद्धालु
- ईला – चमकीला, रासलीला
- भाववाचक तद्धित
उदहारण –
- आई – तभाई, बुराई
- आहट – कड़वाहट, चिड़चिड़ाहट
- गणवाचक तद्धित
उदहारण –
- वा – दसवा, पांचवा
- रा – तीसरा, ग्यहरा
- गुणवाचक तद्धित
उदहारण –
- लू – दयालु, क्रिपालु
- आ – काला, प्यारा
- स्थानवाचक तद्धित
उदहारण –
- र – जयपुर, रायपुर, जोधपुर
- बाद – इलाहबाद, हैदराबाद
- सादृशीवाचक तद्धित
उदहारण –
- हरा – सुनहरा
- सा – गेरुआ सा
- उनवाचक तद्धित
उदहारण –
- डा – भगोड़ा, बछड़ा
- ई – कटोरी टोकरी
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हमे उम्मीद है बच्चो अब आप Pratyay Kise Kahate Hain अच्छे से समझ गए होंगे, इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ शेयर कर उन्हें भी प्रत्यय किसे कहा जाता है जरूर समझाए| धन्यवाद!